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द गर्ल इन रूम 105

ऑन बोर्ड इंडिगो फ्लाइट 6ई 766 एचवायडी डीईएल

'ये तो कमाल की कहानी है, 'मैंने कहा।

केशव मुस्करा दिया।

'आपको कहानी अच्छी लगी, यह जानकर खुशी हुई।"

लेकिन तुम भी ग़ज़ब के आदमी हो, केशव। तुम एक्चुअली श्रीनगर गए और वह सब किया?" "हो, सौरभ मेरे साथ था और उससे मुझे बहुत मदद मिली। लेकिन हमने जो कुछ किया, वो दो मामूली कोचिंग क्लास फैकल्टी वालों के लिए बुरा नहीं था, आई गेस, केशव ने कहा।

गए थे?"

"यह सचमुच बेमिसाल था। तो फिर उसके बाद क्या हुआ? तुम जारा के लिए होने वाली उस प्रेयर मीट में

"वो कल है। मेरा मतलब है आज, क्योंकि आधी रात हो चुकी है।' "क्या? लेकिन तुमने तो बताया कि तुम सौरभ को यह बोलकर आए हो कि तुम ब्रेक पर जा रहे हो।' "वो चार दिन पहले की बात है। मैं ब्रेक पर ही गया था, अब लौट रहा हूं।"

मैंने घड़ी में तारीख़ और वक्त चेक किया। 20 मई थी और रात के 1 बजकर 05 मिनट हो रहे थे।

"ओह, तो कहां गए थे तुम?"

'बहुत सारी जगहों पर। अपने दिमाग़ को शांत करने के लिए। संदेहों को मिटाने के लिए। हालात को चूंकि फ़्लाइट तेलंगाना से आ रही थी, इसलिए मैंने एक गेस किया।

समझने के लिए।"

'तिरुपति?'

केशव मुस्करा दिया।

मुझे जहाँ जाना था, मैं हर उस जगह पर गया। "

मैं समझ गया कि अब वो मुझे और नहीं बताना चाहता है।

लेडीज़ एंड जेंटलमेन, हम जल्द ही दिल्ली में लैंड करने जा रहे हैं, फ़्लाइट अटेंडेंट ने अनाउंस किया।

कृपया अपनी सीटबेल्ट्स बांध लीजिए।'

प्लेन ने नीचे की तरफ उतरना शुरू किया और चंद ही मिनटों बाद हम लैंड कर चुके थे। 'मेरी कहानी सुनने के लिए शुक्रिया, उसने कहा।

'माय प्लेज़र तो आज तुम फ़ैज़ का पर्दाफाश कर दोगे और ज़ारा के हत्यारे को जेल भेज दोगे?"

'उम्मीद तो है।'

'ऑफ कोर्स, तुम करोगे।'

'शुक्रिया। '

"फिर तुम मुझे बताओगे कि क्या हुआ?" "क्यों?"

*बेल, मैं पूरी कहानी जानना चाहता हूँ।"

"वहीं कहानी, जिसके बारे में आपने कहा था- ओह नो, नॉट अगेन *मैं उसके लिए पहले ही माफ़ी मांग चुका हूं।' सीटबेल्ट साइन स्विच ऑफ हुआ और पैसेंजर्स उतरने लगे। सभी ऐसे बिहेव कर रहे थे, मानो उन्हें कोई

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इमरजेंसी हो। जैसे कि उनके घर में आग लग गई हो और इसलिए उन्हें दूसरों से पांच सैकंड पहले प्लेन से उतरना

'मैं आपको फोन करके बची हुई कहानी सुनाऊंगा, केशव ने कहा और मुस्करा दिया। हमने हाथ मिलाया और नंबर्स एक्सचेंज किए। जब हम प्लेन से उतर रहे थे तो उसका फोन बजा। 'हां, राणा सर ओके, वो फुटेज ठीक है, उसने कहा। हमने एक-दूसरे को गुडबाय वेव किया। वो अपने फोन पर बात करता हुआ तेजी से आगे बढ़ गया।

मैं ऐरोसिटी स्थित अंदाज होटल के अपने रूम में पहुंचा। यह जगह वेस्टएंड ग्रीन्स से दस मिनट के फ़ासले पर है। मैंने सोने की कोशिश की, लेकिन सो नहीं सका। चंद घंटों बाद जारा के लिए वह प्रेयर मीट होने जा रही थी और

एक हत्यारा गिरफ्त में आने वाला था।

शाम के लिए वेस्ट ऑफ़ लक, बड़ी।"

मैं बहुत देर तक बिस्तर में करवटें बदलता रहा, फिर उठा और फ़ोन से केशव को एक मैसेज भेजा— आज

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